ठंडे का मतलब कोकाकोला तो बिल्कुल भी नहीं होता. गर्मियों के थपेड़े में जो राहत प्राकृतिक पेयों से मिलती है इसका बोतलों के भरे नकली मीठे पानी से क्या तुलना! सुबह आफिस निकलते समय यदि आप बेल के शरबत का एक गिलास ले लें तो दिन भर गरमी और लू से बचे रहेंगे.
प्राकृतिक पेयों में आम का पना, तरबूज का शरबत , दही की लस्सी , ठंडाई , आम का शरबत या फालसे का शर्बत के साथ साथ बेल का शरबत भी बनाकर देखिये और असली ठंडक अनुभव कीजिये. आईये आज बेल का शरबत बनायें.
सामग्री -
वैकल्पिक -
विधि -
बेल को धोइये, काटिये और गूदा निकाल लीजिये.
एक भगोने में गूदे से दो गुना पानी डालकर अच्छी तरह मसल लीजिये. इतना मसलिये कि सारा गूदा और पानी एक लगने लगे.
इस मसले गूदे को मोटे छेद वाली चलनी में छान लीजिये, चमचे से दबा दबा कर सारा रस निकाल लीजिये.
निकाले हुये रस में चीनी मिला लीजिये. जब चीनी अच्छी तरह घुल जाय तो इसमें ठंडा पानी या बर्फ के क्यूब मिलाईये. नमक और भुना जीरा भी मिलाईये. एक किलो बेल के फल से लगभर चार पांच गिलास शरबत बन जाता है.
ठंडा मीठा बेल का शरबत तैयार है.