मसालेदार, टेंगी और मीठा के संयोजन को अचार कहा जाता है। हम अचार को हर तरह के पराठे और रोटी के साथ खा सकते हैं। लोग, जो कम समय के लिए अचार बनाते हैं, वे उन्हें रेफ्रिजरेटर में संग्रहीत कर सकते हैं और, जो बड़ी मात्रा में अचार बनाते हैं; वे इसे लंबे समय तक स्टोर कर सकते हैं। आप अलग-अलग प्रकार के अचार (अचार) बना सकते हैं जैसे स्वीट लेमन अचार, हरी मिर्च का अचार, कच्चा आम का अचार, ताज़ा हल्दी का अचार, आम का अचार, सूखे आम का अचार, भरवां मैंगो का अचार, गाजर का अचार, इत्यादि। अचार रेसिपी या आचार रेसिपी, जिसे घर पर आसानी से बनाया जा सकता है।
नीबू का अचार कई तरीके से बनाया जाता है,नीबू का सादा अचार, नीबू का मसाले का अचार, मीठा नीबू का अचार, साबुत नीबू का अचार, तेल का नीबू का अचार और भी कई तरीके हैं. दिसम्बर और जनवरी के महिने में नीबू का अचार बनाना चाहिये. इस समय पतले छिलके वाला नीबू बाजार में मिल जाता है, इसका अचार काफी दिन चलता है और स्वादिष्ट भी होता है. आइये आज हम नीबू का मीठा अचार बनायें.
करेले का भरवां और कटे हुये करेले दोनों तरह के अचार बनाये जाते हैं.
भरवा करेले का अचार बनाने के लिये छोटी किस्म के करेले लेने होंगे और कटे हुये करेले बनाने के लिये छोटे या लम्बे किस्म कोई भी करेले लिये जा सकते हैं. . आज हम लम्बे करेले से पतले पतले टुकड़े काट कर अचार बनायेंगे, क्यों कि इसे खाने में बड़ी आसानी होती है, कम अचार खाने वालों के लिये एक या दो टुकड़े करेले के लेकर अचार खाया जा सकता है, तो आइये शुरू करते हैं करेले का अचारबनाना.
कच्ची हल्दी का अचार खाने में तो स्वादिष्ट होता ही है इसमें अनेकों औषधीय गुण भी हैं. स्वाद में एकदम तीखा हल्दी का अचार की बस एक चौथाई चम्मच आपके खाने को एक नया स्वाद देगी.
नींबू का अचार कई तरह से बनाया जाता है. आज हम नींबू का गुड़ वाला खट्टा मीठा अचार बना रहे हैं. नींबू के पारम्परिक अचार की तरह इस अचार की शैल्फ लाइफ भी अधिक है.
खाने के साथ अचार खाने से मूंह का स्वाद खुल जाता है और तीखा खाने वाले हरी मिर्च के अचार को बहुत पसन्द करते हैं, आज हम हरी मिर्च का राई वाला अचार बना रहे हैं.
खाने के साथ अचार और चटनी तो आपको अच्छी लगती हीं होंगी. इस समय बाजार में कच्चा कटहल मिल रहा है. आईये आज कटहल का अचार बनाते हैं.
कटहल का अचार बनाने के लिये एकदम कच्चा कटहल लीजिये.
सर्दियों के जाते जाते ही कच्चे आम बाजार में मिलने लगते हैं और ये समय है आम का अचार डालने का. आसानी से बनने वाला बिना तेल का आम का अचार स्वाद में तो अच्छा बनता ही है, इसे लम्बे समय तक रखा जा सकता है.
कभी कभी खाने के साथ तीखा खाने का मन सभी का करता हैं, उस समय मिर्च का अचार खाने को मिल जाय तो बड़ा अच्छा लगेगा. आइये आज हम लाल मिर्च का अचार बनायें.
कच्चे आम से हम विभिन्न तरीके के अचार बनाते हैं, आम का सूखा अचार भी बड़ा स्वादिष्ट बनता है, यह आम का सूखा अचार उत्तर प्रदेश में बनाकर खूब खाया जाता है. इस अचार की विशेषता है कि यह कम तेल में भी साल भर तक रख कर खाया जा सकता है. आइये आज हम आम का सूखा अचार बनाना शुरू करें.
नीबू दिसम्बर और जनवरी के महीने में बहुत अच्छा आता है, इस समय पतले छिलके वाला कागजी नीबू बाजार में आसानी से मिल जाता है, जो अचार के लिये अच्छा रहता है, नीबू का अचार डालने के लिये यही समय सबसे अच्छा है़. नीबू का अचार कई तरीके से बनाया जाता है, नीबू का सादा अचार, नीबू का मीठा अचार, हम बना चुके हैं, आज हम नीबू का भरवां अचार बनायेंगे.
आमों का मौसम है, बाजार में कच्चे पके आम खूब मिल रहे हैं, आम का अचार तो सभी की पसन्द है, और ये अचार इसी समय बना कर रखे जा सकते हैं, आम का अचार कई तरीके से बनाया जाता है, आज हम आम का अचार छोटे छोटे टुकड़े काट कर बनायेंगे. हम खाते समय अधिकतर थोड़े से अचार का ही उपयोग करते हैं और छोटे अचार के टुकड़े खाने में बहुत आसानी होती है.
अचार खाने के स्वाद भूख दोंनों को बढ़ा देते हैं, और यदि घर में कई प्रकार के अचार हो, तब तो बहुत ही अच्छा है. इस समय करोंदे बाजार में आ रहे हैं. करोंदे का अचार बहुत ही स्वादिष्ट बनता है, करोंदे का अचार 2 प्रकार से बनाया जाता है, साबुत करोंदे का अचार और करोंदे काट कर अचार, दोनों ही तरीके से अचार बनाने के लिये मसाले तो एक ही होंगे. दोंनो ही तरीके से अचार स्वादिष्ट बनता है. आइये करोंदे का अचार बनाना शुरू करते हैं.
सर्दियों के मौसम में नया अदरक बाजार में आने लगता है और मार्च तक अच्छा अदरक बिना रेशे का बाजार में मिलता रहता है और यही है अदरक का अचार बनाने का सही मौसम.
साबुत लसोड़े का अचार दो तरीके से बनाया जाता हैं, एक तो बिना मसाले का और दूसरा मसाले के साथ, बिना मसाले के लसोड़े बच्चों को बहुत पसन्द आते हैं लेकिन मसाले वाले लसोड़े भी बड़े स्वादिष्ट होते हैं. लसोड़े का अचार तो मेरे घर में सबको बहुत ज्यादा पसन्द है.
कमल ककड़ी को तल कर हम चिप्स और सब्जी तो बनाते हैं ही लेकिन इसका अचार भी बहुत अच्छा होता है. आईये आज कमल ककड़ी का अचार बनायें.
सर्दियों के मोंसम में गाजर बाजार में खूब मिलती है. गाजर के सलाद और हलवे के साथ साथ इसका का अचार और गाजर की कांजी का हम बहुतायत में प्रयोग करते हैं. आइये आज हम गाजर का अचार बनाते हैं.
कचालू यानी कि बडे साइज की अरबी. इसकी सब्जी तो बनती ही है इसका अचार भी बहुत स्वादिष्ट बनता है. भले ही कचालू के अचार की शैल्फ लाइफ सिर्फ 2 या तीन सप्ताह ही होती है.
राजस्थानी परम्परागत रेसिपी है मेथी की लौंजी को मेथी का मीठा अचार भी कहा जाता है. मेथी की लौंजी स्वादिष्ट है है ही यह पाचन में भी बहुत फायदेमन्द है. इसे पूरी परांठे के साथ परोसा जा सकता है.
सर्दियों के सर्द दिनों में हम मैथी के पत्ते का साग, सब्जियां तो खाते ही हैं, मैथी दाने के लड्डू, अचार, चटनी भी हमें गर्माहट देने और पाचन में भी मदद करती है. खासकर उम्रदराज लोगों के लिये इसकी गरम तासीर जोड़ों के दर्द के लिये भी सहायक है. आईये आज मैथी दाना अचार बनायें.
आम का अचार सभी को पसंद आता है. अगर आम का अचार खाने का मन हो और कच्चा आम बाजार में उपलब्ध न हो तो हम आम की सूखी खटाई से भी अचार बना सकते हैं, और सूखी खटाई का अचार बहुत स्वादिष्ट भी बनता है.