कढ़ी या करि एक व्यंजन है, यह भारतीय महाद्वीप में बनाता है। इसमें एक गाढ़ी ग्रेवी होती है, जो छोले के आटे पर आधारित होती है, और इसमें वेजिटेबल फ्रिटर्स होते हैं, जिन्हें पकोड़े कहा जाता है, जिसमें दही (दही) मिलाया जाता है, जो थोड़ा खट्टा स्वाद देने के लिए डाला जाता है। इसे उबले हुए चावल या रोटी के साथ खाया जाता है। आप गुजराती कढ़ी, हारा चना कढ़ी, पलक कढ़ी, बेसन कढ़ी, बूंदी कढ़ी, पालक की कढ़ी, मंगोड़ी की कढ़ी, सेव की कढ़ी, मीठी और खट्टी मैंगो कढ़ी, कच्चे आम की कढ़ी, बेसन पकोड़ा कढ़ी, मेथी कढ़ी, आदि भी बना सकते हैं। घर पर खादी बनाने की रेसिपी या प्रक्रिया प्राप्त कर सकते हैं।
गुजराती कढ़ी, पकोड़े वाली कढ़ी से थोड़ी पतली होती है. करी पत्ता और सरसों की महकती ये कढ़ी खाने में बहुत ही स्वादिष्ट है और बनाने में एकदम आसान है.
पालक में आइरन और मिनरल्स बहुत अधिक मात्रा में मिलते हैं. शाम के समय या सप्ताहांत में पालक की कढ़ी का कोई जबाब नहीं आईये आज पालक की कढ़ी बनायें.
सब्जियाँ और दालें करीब करीब हम रोजाना ही खाते हैं, जब कुछ अलग खाने को मन करता है तो हम कढ़ी बनाते हैं. कढ़ी कई प्रकार की होती है. पकोड़े की कढ़ी प्रमुख है. यह उत्तर भारत में बनाई जाती है.आज प्रस्तुत है, बेसन कढ़ी पकोड़ा . इसे आप रोटी, नान या चावल के साथ खा सकते हैं.
होली से पहले बाजार में हरे चने यानी होले खूब आने लगते हैं. पहले तो ये चने बाजार में होले की शक्ल में मिलते थे जिन्हें हम छील कर खाते थे या भून कर, चने निकाल कर खाते थे. या होले से निकाले हुये हरे चने को सब्जी, कढ़ी इत्यादि बनाने के काम में लाते थे,
पकौडे की कढी के विपरीत बूंदी की कढी आपको हर एक ग्रास में नन्ही नन्ही पकौडी होने का खास स्वाद देती है. बूंदी की कढी आप घर पर ताजा बूंदी तलकर बना सकते हैं या बाजार से बूंदी लाकर भी बना सकते हैं.
बेसन पकोड़ा कढ़ी सभी को बहुत पसन्द आती है, लेकिन कढ़ी बनाने में थोड़ा ज्यादा समय लग जाता है. कढ़ी को माइक्रोवेव में बड़ी आसानी से बहुत जल्दी बनाया जा सकता है, माइक्रोवेव में कढ़ी उतनी ही स्वादिष्ट बनती है, जितनी कि गैस पर बनती हैं. कढ़ी के लिये जो पकोड़े बना रहे हैं वह भी माइक्रोवेव में बिना तेल के बहुत अच्छे बनेंगे यदि आपको कम तेल खाना पसन्द हैं, तो माइक्रोवेव पर बेसन पकौड़ा कढी अवश्य बनाईयेगा.
बेसन की कढ़ी तो आप सभी पसंद करते ही होंगे, मूंग दाल या चने की दाल से बनी कढी का स्वाद बेसन की कढी से एकदम हटकर होता है. आईये आज मूंग दाल की कढी बनायें.
गैस पर कढ़ी बनाने में बेसन और दही का घोल डालने के बाद कढ़ी को तब तक लगातार चलाते रहना होता है जब तक कि कढ़ी में उबाल नहीं आ जाता है, लेकिन माइक्रोवेव में हमें इस तरह कढ़ी को लगातार चलाने की जरूरत नहीं होती. पालक की कढी तो माइक्रोवेव में बनाना और भी अधिक सरल है.
आप कढ़ी कैसे बनाते हैं? सप्ताह में प्रत्येक रविवार को मेरे परिवार में 'कढ़ी चावल' बनते ही है और मैं अधिकतर पकोड़े की कढ़ी बनाती हूं, राजस्थान के चित्तोड़ के इलाके में सेव की कढ़ी यानी एसी कढ़ी जिसमें पकौड़े की जगह सेव प्रयोग किये जाते हैं बहुत लोकप्रिय है. आईये आज हम सेव की कढ़ी बनायें.
मेथी के पत्तों से बनी पराम्परागत मेथी की कढी पंजाब और राजस्थान दोनों प्रांतों में बहुत लोकप्रिय है. इसे गर्मागर्म रोटी, परांठे या चावल के साथ परोसा जा सकता है.
पके हुये आम की खटास और मिठास लिये हुये बनी यह कढी महाराष्ट्र और गुजरात में अधिक पसंद की जाती है. इसे चावल ओर रोटी दोनों के साथ परोसा जा सकता है.
सब्जियां और दाल खाते खाते तबियत भर जाती है तब कढ़ी बनाने का मन करता है. दाल मगोड़ी की कढ़ी कढ़ी बड़ी स्वादिष्ट कम समय और कम तेल में बन जाती हैं. आईये आज हम कढ़ी कुछ अलग स्वाद में दाल मगोड़ी की कढ़ी बनायें.
कच्चे आम से बनी हुई कढी का स्वाद दही मिलाकर बनी की कढी से अलग होता है. आमतौर पर इसमें पकौडे नहीं डाले जाते बल्कि छोटे छोटे टुकडे में कटे अमिया होती है.