भारत में, मिठाई एक महत्वपूर्ण घटक है। लड्डू मिठाई में से एक है, जो कई सामग्रियों से बना है। आप विभिन्न प्रकार के लड्डू बना सकते हैं। भारत में, यहाँ मिठाइयों की बहुत सारी किस्में हैं। अगर आप अपने घर पर लड्डू बनाना चाहते हैं तो कुछ ही समय में आसानी से बना सकते हैं। यहाँ आप विभिन्न प्रकार के लड्डू बनाने की पूरी विधि प्राप्त कर सकते हैं और आवश्यक सामग्री प्राप्त कर सकते हैं। तो बस, अपने घर पर अलग-अलग तरह के लड्डू बनाएं जैसे कि गेहूं का आटा लड्डू, अलसी पिन्नी, मीठी बूंदी, बेसन लड्डू, सोयाबीन लड्डू, मेथी लड्डूगुर मेवा लड्डू, तिल लड्डू, मूंग दाल लड्डू, सत्तू लड्डू, बूंदी लड्डू, सूजी खोया लड्डू। , चोइर्मा के लाडू, बेसन मेधा लड्डू, सोंठ लाडू, तिल अट्टा लड्डू, आंवला लड्डू, नारियल लड्डू, उड़द दाल लड्डू, बाजरा आटा लड्डू, आदि।
बूंदी बनाने के लिये छेद वाले झविया (कलछी) का प्रयोग किया जाता है. झावे के छेद जितने छोटे या बड़े होते हैं बूंदी भी उसी के हिसाब से छोटी या बड़ी बनती है. बूंदी बनाने के लिये सादा बारीक बेसन ही काम में लाया जाता है.
सर्दियों के मौसम ने दस्तक दे दी है. इस मौसम में आपके परिवार को अधिक केयर की जरूरत है. अलसी (Linseeds or Flax Seeds) से बने खाद्य पदार्थ (Alsi Recipes) आपके परिवार को सर्दी जुकाम खांसी आदि से लड़ने की प्रतिरोधात्मक शक्ति देते हैं.
गेहूं आटा लड्डू बहुत टेस्टी माने जाते हैं, जिनको आप आसानी से अपने घर पर तैयार कर सकती हैं। इसे बनाने में भी ज्यादा वक्त नहीं लगता क्योंकि आटा आपको अपने घर पर ही मिल जाएगा। तो आइये देर किस बात की बनाते हैं गेहूं के आटे के लड्डू ।
सूजी मावे के लड्डू बहुत ही स्वादिष्ट लगते हैं। इन्हें अक्सर दिवाली के त्यौहार पर बनाया जाता है। तो आइये आज हम भी बनाएं सूजी मावे के लड्डू।
मेथी के लड्डू एक पारम्परिक रेसीपी है जो मिठाई कम बल्कि औषधीय रूप में अधिक प्रयोग किये जाते हैं. इसका प्रयोग प्रसव के बाद जच्चा को खिलाने के लिये या सर्दियों में होने वाले कमर या जोडों के दर्द की दवा के रूप में किया जाता है.
मूंग की दाल के लड्डू को तीन तरह से बना सकते हैं, मूंग की दाल को भिगो कर पीसकर, मूंग की दाल को भून कर पीस कर और मूंग की दाल आटे से. हर तरह के लड्डू का अलग स्वाद होता है. आज हम मूंग दाल को भिगोने के बाद पीस कर लड्डू बनायेंगे.
सर्दियों में आपके परिवार को विशेष रूप से बच्चों को अधिक पौष्टिकता की आवश्यकता होती है. सोयाबीन के आटे से बने पौष्टिक लड्डू इस कमी को सबसे अच्छी तरह से पूरा करते है.
आप चाहें तो सोयाबीन आटे में गेहूं का आटा बराबर की मात्रा में मिला कर बना सकती हैं या 3 भाग सोयाबीन का आटा और 1 भाग गेंहू का आटा मिलाकर भी ये लड्डू बना सकती हैं.
गणेश चतुर्थी पर लड्डू ना बनाया जाए ऐसा तो हो ही नहीं सकता। आपने बाजार से खरीद कर के लड्डू तो खूब खाए होंगे क्यों ना इस गणेश चतुर्थी पर आज घर पर ही इसे बनाये जाएं। यब बनाने में बहुत आसान है और इसे बनाने में ज्यादा समय भी नहीं लगता। लड्डू बनाने के लिये केवल बेसन का प्रयोग होता है
तिल से बने खाने गर्मी और ऊर्जा दोनों देते हैं, जिसकी हमें इस जनवरी की ठंड के मौसम में अत्यधिक आवश्यकता होती है. तिल और गुड़ को मिलाकर बनाये गये लड्डू मकर संक्रांति पर अवश्य बनाये जाते हैं.
सत्तू (Sattu) को हम कई तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं। सत्तू का पराठा, सत्तू का शरबत,और सत्तू का चीनी या नमक-मिर्च के साथ गाढ़ा घोल। पुराने जमाने में तो लोग सिर्फ सत्तू लेकर लंबी यात्राओं पर निकल जाया करते थे।
आप बचपन से ही मां और दादी के हाथ का बना मगद या बेसन के लड्डू (Besan Ke Laddoo) तो खाते आ रहे होंगे! इनकी बात ही कुछ और होती है. बेसन के लड्डू (Besan Ke Ladoo) एसी मिठाई है जो घर में बनाकर एअर टाइट कन्टेनर रख दें तो 2 महिने तक खाई जा सकती है.
गुड़ मेवा के लड्डू सामान्यतय: जच्चा के खाने के लिये बनाये जाते हैं. लेकिन इसमें से सोंठ न डालें तो आप अपने सामान्य खाने के लिये भी उपयोग कर सकते हैं. ये लड्डू स्वादिष्ट होने के साथ साथ, ताकत देने वाले भी होते हैं.
विटामिन सी और आयरन से भरपूर आंवला लड्डू बेहद स्वादिष्ट होते हैं. आंवला लड्डू हमारे शरीर में प्रतिरोधक शक्ति पैदा करते हैं. बच्चे जो आंवला खाना पसन्द नहीं करते, वे आंवला लड्डू बड़े प्यार से खाना पसन्द करेंगे.
उड़द दाल के लड्डू (Urad Dal Ke Ladoo) एक बहुत ही स्वादिष्ट और हेल्थी स्वीट डिश है जिसे आप बहुत ही कम समय में कम सामग्री के साथ काफी आसानी से बना सकते है, इसे आप किसी भी ख़ास अवसर जैसे- त्योहारों और सर्दियों मौसम में भी बनाकर तैयार सकते है.
चूरमा के लड्डू (Churma Ladoo) राजस्थानी व्यंजन है़. बहूत ही स्वादिष्ट मिठाई है. घर में बनी हुई मिठाई का स्वाद तो आप सभी जानते हैं कितनी ज्यादा स्वादिष्ट होती है. फिर आज हम चूरमा के लड्डू बनाते हैं.
तिल के व्यंजन सर्दी के मौसम में बनाकर खाये जाते हैं. तासीर में गर्म तिल और गेहूं के आटे से बने लड्डू बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं. बड़ी आसानी से और बहुत जल्द बन जाते है.
सोंठ का प्रयोग एक औषधि के रूप में अधिक किया जाता हैं। यह कटु, तीक्ष्ण, अग्निदीपक, रुचिवर्द्धक पाचक, कब्जनिवारक तथा हृदय के लिए यह काफी हितकारी है, इसके अलावा वातविकार, उदरवात, जोड़ों का दर्द, सूजन आदि रोगों में भी यह अत्यंत लाभदायक है।
बेसन और गुड़ से बनने वाले बेसन के मीड़ा लड्डू, बेसन और गूड़ से बनाये जाते हैं, राजस्थान में ये लड्डू पारम्परिक रूप से दिवाली, होली त्योहारों पर पारम्परिक रूप से बनाये जाते हैं, लेकिन हम इन्हें कभी भी बना सकते है, खासकर सर्दी के मौसम में तो ये लाजबाव होते है.
सर्दी के मौसम में आयरन, कैल्सियम और फाइबर भरपूर बाजरा की रोटी ही नहीं, इसके लड्डू भी बहुत स्वाद और सेहत के लिये पसंद किये जाते हैं. स्वाद की गर्माहट के लिये गुड़ और बाजरे के आटे और गोंद मिलाकर बनाये हुये लड्डू आज ही बनाईये
सर्दियों के मौसम में बाजरे की रोटी बहुत पसन्द आतीं हैं. इन्ही बाजरे की रोटी को और खस्ता सेककर इनसे बना बाजरा चूरमा लड्डू या बाजरे का मलीदा बनाया जाता है. जब भी आप बाजरे की रोटी बनायें, बाजरे का चूरमा लड्ड् बनाना न भूलें