भारत में मिठाइयों को मिठई भी कहा जाता है। मिठाई या मिठाई भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ (भारत में) कुछ विशेष मिठाइयाँ हैं, जिन्हें पारंपरिक मिठाई कहा जाता है। हर अलग अवसर या त्योहार के लिए, हमारे पास कई अलग-अलग मिठाइयाँ होती हैं। आमतौर पर, मिठाई खरीदी जाती है, लेकिन कुछ पारंपरिक अवसरों पर, इसे घर पर तैयार किया जाता है। अगर आप भी आने वाले त्योहार पर कुछ नई मिठाइयाँ बनाना चाहते हैं तो आप यहाँ से विभिन्न प्रकार के पारंपरिक मीठे व्यंजनों की खोज कर सकते हैं। आप जलेबी, गुलाब जामुन, मालपुआ, मावा मालपुआ, पेठा, परवल मीठा, सकरपारा, बृज माखन, मावा जलेबी, घेवर, गुझिया, मिल्क पाउडर गुलाब जामुन, आदि के लिए ट्राई करें।
सुबह के नाश्ते में दही जलेबी मिल जाए तो बात ही क्या है। जलेबी एक ऐसी डिश है जिसे आप कभी भी किसी भी मौसम में खा सकते हैं। भारत के अलावा बांग्लादेश्ा, नेपाल और पाकिस्तान में भी इसे बड़े स्वाद से खाया जाता है। ज्यादातर इसे घारों में कम ही बनाया जाता है मगर आज हम आपको बताते घर में गार्म गर्म जलेबी बनाने का तरीका.
गुलाब जामुन यह उत्तर भारत की मिठाई है. गुलाब जामुन मावा में थोड़ा सा मैदा डालकर बनाये जाते हैं, मावा और पनीर को मिला कर भी गुलाब जामुन बनाते हैं. दोनों तरीके से गुलाब जामुन अच्छे बनते हैं, आज हम गुलाब जामुन मावा और पनीर मिला कर बनायेंगे, तो आइये जल्दी से शुरू करते हैं, गुलाब जामुन बनाना.
मालपुआ (Malpua) पारम्परिक घरों में बनने वाला एक एसा पकवान है जो बहुत आसानी से बनाया जा सकता है. पारम्परिक रूप से कथा, यज्ञ, भंडारे व अन्य शुभ काम की समाप्ति के बाद हुये भोजन में असली घी के मालपुआ और खीर (Kheer Malpua) परोसे जाते हैं. मालपुआ (Mal Pua) अलग जगह पर अलग स्वाद और अलग तरीके से बनाये जाते हैं.
पेठा का नाम आते ही आगरा याद आ जाता है, जी हां पेठा मुख्य रूप से आगरा में ही बनाया जाता है. पेठा मिठाई बनाने में घी या तेल का प्रयोग बिलकुल भी नहीं किया जाता. पेठा बनाने के लिये पेठे का फल अच्छा पका होना चाहिये, पके फल का कलर हल्का हो जाता है और उसका छिलका सख्त होता है.
मालपुआ उत्तर भारत में बनायी जाने वाली रैसिपी है. ये बहुत ही स्वादिष्ट होते है और इन्हैं बनाने का तरीका बहुत आसान है.
मालपुआ को रबड़ी या खीर के साथ भी खाते है, इन्हैं खीरपूआ भी कहा जाता है, राजस्थान में मालपुआ में मावा मिलाकर मावा मालपुआ भी बनाते हैं. आईये हम आज मालपुआ बनायें
न्यू मदर को ताकत देने वाली चीज़ें खाने की बहुत ज़रूरत होती है ताकि उसकी मांसपेशियों की रिकवरी अच्छे से हो. इसके लिए उसे कई प्रकार की चीज़ें खाने को दी जाती हैं जैसे गोंद के लड्डू, हलीम के लड्डू, गोंद पाग, मखाने का पाग, नारियल का पाग, हरीरा और खास जच्चा के लिए बनाई जाने वाली पंजीरी जिसमें कमरकस डाला जाता है जो उसके लिए बहुत लाभदायक होता है.
गुलगुले पुये या मीठे पुये (Gulgule Pua Recipe) बहुत ही आसान रेसीपी है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में घर की नई वधु किचन में पहला पकवान बनाती है वह है मीठे पुये या गुलगुले (Gulgule Pua). धार्मिक कार्यों और पूजा में भी ये मीठे पूआ बनाये जाते हैं.
जैसे गुझिया होली का मुख्य पकवान है उसी तरह चन्द्रकला भी, आप होली के अवसर पर ये पकवान बनाकर अपने परिवार के सदस्यों और मेहमानों को खिला सकते हैं और स्वाद के तो कहने क्या हैं अगर आपने एक बार बना लिया तो मन करेगा बार बार बनायें.
चावल से बनी लाई (लईया) या मुरमुरा (Puffed Rice) को हम नमकीन भेल आदि बना कर तो खाते हैं लेकिन बच्चों को इस पर मीठी चीनी की परत चढी मीठी लईया मुरमुरा बहुत पसंद आता है.
मक्खन के अनेकों रूप प्रचलित है. जैसे मक्खन मलाई, जो कि एकदम गाड़े झाग जैसे होता है, मक्खन जो दही को बिलो कर बनाया जाता है और पारम्परिक ब्रज माखन (Brij Makhan) जो दही बांध कर बनाया जाता है.
सुबह के नाश्ते में दही जलेबी मिल जाए तो बात ही क्या है। जलेबी एक ऐसी डिश है जिसे आप कभी भी किसी भी मौसम में खा सकते हैं। भारत के अलावा बांग्लादेश्ा, नेपाल और पाकिस्तान में भी इसे बड़े स्वाद से खाया जाता है। देखा जाए तो इसे घरों में कम ही बनाया जाता है। वैसे तो जलेबी मैदे की बनाई जाती है
अनरसे दिवाली और होली जैसे त्यौहारों पर कई तरह से ओर कई आकार में बनाये जाते हैं. दक्षिण भारत में इसके अन्य प्रचलित रूप को अधिरसम एवं हिमाचल, उत्तराखंड में इसे अरसा भी कहा जाता है. आज हम गुड़ और खस खस या तिल मिलाकर अनरसा यानी कि अधिरसम बनायेंगे.
सावन और राखी के त्यौहार की विशेष मिठाई घेवर (Ghevar Sweet) है. हम तो अपने देश में है इसलिये हमें घेवर आसानी से मिल जाता है, लेकिन जो देश से बाहर है, उन्हें घेवर मुश्किल से मिलता है घेवर आप घर पर भी बना सकते है, दिखने में एसा लगता है कि इसे बनाना मुश्किल होगा लेकिन है बड़ा आसान.
मीठा फरा का पारंपरिक स्वाद आपको बेहद पसंद आएगा. आइये आज मीठा फरा (Sweet Fara - Sweet Pittha) बनाएं.
क्या आपने होली के लिये गुझिया (Gujhiya) बना लीं हैं? गुझिया के ऊपर अपनी पिछली पोस्ट में मैंने सामान्य मावा या खोया गुझिया (Mawa Gujhiya) के बारे में लिखा था..
परवल की मिठाई बड़ी स्वादिष्ट होती है, यह उत्तर भारत में खूब बनाई जाती है, यह मिठाई आप दिपावली, होली के त्योहार पर बनाकर अपने परिवार के लोगों को खिला सकती हैं, इस मिठाई को आप अपनी किसी पार्टी के लिये बनाकर भी तैयार कर सकती हैं, तो आइये फिर अभी परवल की मिठाई बनाना शुरू करते हैं.
शकर की परत चढे शकरपारे के ऊपर शकर की मिठास से भर पूर बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं, इन्हें किसी भी त्योहार के अवसर पर या कभी भी बना कर रख लीजिये और मीठा खाने का मन हो तब खाइये.
यह महाराष्ट्र में बनाई जाने वाली पारम्परिक स्वीट डिश है. पूरन पोली कई प्रकार की बनाई जाती हैं, लेकिन मुख्यत: चने की दाल की पूरन पोली ही अधिक प्रचलित है. खाने में ये बहुत ही लाजबाव होती है. पूरन पोली को आप 2-3 दिन तक रख कर खा सकते हैं. बनाना भी बड़ा आसान है.
ब्रेड और दूध को मिलाकर बनाये गये गुलाब जामुन भी इतने ही स्वादिष्ट होते हैं, जब तक बताया न जाय कि ये ब्रेड के गुलाब जामुन है तब खाने वाले को वह मावा के ही गुलाब जामुन लगते हैं.
नारियल का पाग एक मिठाई है जो उत्तरी भारत जन्माष्टमी के दिन कृ्ष्णा के प्रसाद के लिये बनाया है, ये न खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होता है. इसे बनाने में घी बिलकुल नही लगता लेकिन चीनी ढेर सारी लगती है यदि आपको चीनी से परहेज नहीं तो नारियल पाग बना कर खाइये आपको बहुत पसन्द आयेगा. आइये शुरू करते हैं नारियल का पाग बनाना.