सर्दियों के मौसम में मिस्सी रोटी बहुत अच्छी लगती है और मिस्सी रोटी के साथ उरद चने की दाल हो तो और भी बेहतर है तो आईये आज उरद चने की दाल बनाना शूरू करते हैं.
दालें प्रोटीन का मुख्य स्रोत है. रोजाना अलग अलग दाल बनाई जाय तब यह बहुत ज्यादा स्वादिष्ट लगती है. साबूत छिलका मसूर की दाल बहुत ही स्वादिष्ट बनती है, आइये आज शाम के खाने के साथ साबुत छिलका मसूर की दाल बनायें.
दालें ही प्रोटीन की मुख्य स्रोत हैं, और प्रोटीन हम सभी की आवश्यकता है, इसलिये दाल हमारे रोज के खाने में होनी ही चाहिये. अलग अलग दालें, अलग अलग तरीके से बनाकर हम स्वाद और खाने की रुचि को बढ़ा लेते हैं. चना दाल पालक बहुत ही स्वादिष्ट होती है, तो आइये आज हम चना दाल पालक बनायें.
मूंग की दाल का पालक बहुत ही स्वादिष्ट होने के साथ साथ, पाचक और पाष्टिक होता है. आज हम मूंग की दाल का पालक बनायेंगे.
हरे पत्ते की सब्जी स्वास्थ्य के लिये बहुत ही लाभ कारी होती हैं. चौलाई यानी कि Amaranth जिसका अर्थ ही होता है लम्बी आयु देने वाला. इन हरे पत्ते की सब्जियों को यदि रोजाना के खाने के साथ प्रयोग किया जाय तो शरीर में होने वाले विटामिन्स की कमी को काफी हद तक पूरा किया जा सकता है.
दालें हमारे रोजाना के खाने का मुख्य भाग है. इन्हैं यदि रोजाना बदल बद्ल कर बनाया जाय तो खाने का स्वाद बदलता है और स्वाद भी अच्छा लगता है. दालों में प्रोटीन्स और कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, लेकिन इनमें अंकुरण होने के बाद इनके पोषक तत्व कई गुने बड़ जाते हैं.
लौकी की सादा सब्जी कम पसन्द की जाती है, लेकिन अगर लौकी को चने की दाल मिला कर बनाया जाय तो वह अधिक स्वादिष्ट बनती है.
दाल मसालों और आटे से बनी दाल ढोकली अपने आप में पूरा खाना ही है. दाल ढोकली को राजस्थान और गुजरात में अलग अलग तरीके से बनाया जाता है.
पंजाब की पसन्दीदा दाल दाल मखनी सभी को बहुत पसन्द आती है. खाने में स्वादिष्ट होने के साथ साथ इसमें प्रोटीन और फाइबर प्रचुर मात्रा में होते है. तो आइये आज हम भी अपने लन्च के लिये दाल मखनी बनायें.
दालें हमारे रोजाना के खाने का मुख्य अंग है, ये प्रोटीन के बहुत बड़े स्रोत हैं. अरहर की दाल उत्तर भारत में प्रमुखता से खायी जाती है, इसे तुवर की दाल भी कहते हैं, अरहर की दाल को हम अलग अलग तरीके से बना सकते हैं, हम दाल को पहले से ही बघार देकर बना सकते हैं और दाल बनने के बाद भी बघार बना कर डाला जा सकता है. दाल बनाते समय थोडा सा ध्यान दीजिये कि दाल ज्यादा कुक न हो जाय, दाल के दाने दिखने चाहिये और दल अच्छी तरह से पकी भी होनी चाहिये तब दाल खाने में और अधिक स्वादिष्ट लगती है, तो आईये आज अपने लंच में हम अरहर की दाल बनायें.
चना मद्रा हिमाचली रेसीपी है जो दही की ग्रेवी में काबुली चने को पकाकर बनाई जाती है.
सूखे काले चने नवरात्रि की अष्टमी या नवमी को नवरात्रि पूजा के लिये बनाये जाते हैं, सूखे काले चने, सूजी का हलवा और पूरी बना कर पूजा के लिये प्रसाद बनाया जाता है.
सूखे काले चने खाने में बड़े स्वादिष्ट, प्रोटीन और फाइबर से भरपूर पौष्टिक होते हैं, आप इन्हैं सुबह के नाश्ते में या शाम को नाश्ते में कभी भी खा सकते हैं, आइये आज हम सूखे काले चने बनायें.
मूंग की दाल तरी वाली तो बहुत ही स्वादिष्ट बनती है लेकिन सूखी मूंग की दाल भी बड़ी स्वादिष्ट बनती है. दाल के अलग स्वाद के लिये कभी सूखी मूंग की दाल बना कर देखिये,
सूखी मूंग दाल आप अपने बच्चों के छोटे से टिफिन में स्कूल के लन्च के लिये बना कर रोटी या परांठे के साथ रख कर दे सकती हैं, तो आइये आज हम सूखी मूंग दाल बनायें.
दालों में प्रोटीन्स विटामिन्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और दालों का प्रोटीन हमारे शरीर द्वारा जल्दी पचा लिया जाता है.
हम चने की दाल की लौकी तो पहले बना ही चुके हैं. आइये आज हम चने की दाल बनायें.
दालें न्यूट्रीशन का प्रमुख स्त्रोत हैं. लोबिया की दाल में ये और भी अधिक होता है. बढ़ते बच्चों के लिये तो लोबिया की दाल और भी अधिक लाभप्रद है. आईये आज लोबिया की दाल बनाये.
मूंग दाल का करारा अधिकतर राजस्थान और आगरा मथुरा क्षेत्र में बनाया जाता है. जब आपके फ्रिज में हरी सब्जियां न हों और कुछ विशेष स्वादिष्ट करी खाने का मन हो तब मूंग दाल का करारा बनाकर देखिये. अगर दाल थोड़ी अधिक हो तो ये पकोड़िया चाय के साथ खाइये बहुत ही स्वादिष्ट है ये, तो आइये आज लन्च में बनाये मूंगदाल का करारा.
मूंग दाल, उरद दाल या चना दाल से बनी ये डुबकी कढी या पानी पकौड़ी सब्जी बहुत ही स्वादिष्ट बनती है.
राजस्थान और आगरा मथुरा में बहुत बनायी जाती है, जब ताजा सब्जी न मिलें तो सब्जी के लिये दाल और बेसन से ही काम चलाना पड़ता है. इसका पारंपरिक नाम तो डुबकी है लेकिन इसे पानी पकौड़ी भी कहते हैं.
अरहर की दाल कच्चे, खट्टे आम के साथ बनी हुई एकदम अलग स्वाद में बहुत ही ज्यादा स्वादिष्ट बनती है. होली से पहले कच्चे आम बाजार में मिलने शुरू हो जाते हैं. इस समय ये खट्टी दाल बनाई जा सकती है.
स्वादिष्ट और पौष्टिक खाना तो सभी पसन्द करते हैं, और मूंगदाल, मूली के पत्ते की भुजियाँ में दोनों गुण है. बनाना भी आसान है. तो क्यों न आज हम मूंगदाल, मूली के पत्ते की भुजिया ही बना लें.
बेसन की कढ़ी तो आप सभी पसंद करते ही होंगे, मूंग दाल या चने की दाल से बनी कढी का स्वाद बेसन की कढी से एकदम हटकर होता है. आईये आज मूंग दाल की कढी बनायें.