उत्तर भारत का सबसे अधिक लोकप्रिय स्ट्रीटफूड दहीवड़ा / दही भल्ला या दही पकौड़ी या दही गुजिया लगभग सारे त्यौहार, दावतें में अवश्य परोसी जाती हैं. उरद -मूग दाल से बने दही भल्ले, दही पकौड़ी और दही गुजिया पर विस्तृत वीडियो सहित यह रेसीपी प्रस्तुत है.
सब्जियाँ और दालें करीब करीब हम रोजाना ही खाते हैं, जब कुछ अलग खाने को मन करता है तो हम कढ़ी (Dahi Besan Kadi) बनाते हैं. कढ़ी कई प्रकार की होती है. पकोड़े की कढ़ी प्रमुख है. यह उत्तर भारत में बनाई जाती है.आज प्रस्तुत है, बेसन कढ़ी पकोड़ा (Kadhi Pakoras Recipe ). इसे आप रोटी, नान या चावल के साथ खा सकते हैं.
बूंदी के लड्डू सबसे अधिक पसंद किये जाने वाले लड्डू हैं. किसी भी पूजा या प्रसाद में या किसी भी खुशी के अवसर पर बूंदी के लड्डू (Bundi Ladoo ) अवश्य बनाये जाते हैं.
बेड़मी पूरी का पिसा हुआ आटा पहले से तैयार हो, तो बेड़मी पूरी झट से किसी भी समय बनाई जा सकती हैं, तो आइए बेड़मी पूरी का आटा मिक्स बनायें और उस आटे से गरमागरम बेड़मी पूरी भी.
अनरसे दिवाली और होली जैसे त्यौहारों पर कई तरह से ओर कई आकार में बनाये जाते हैं. दक्षिण भारत में इसके अन्य प्रचलित रूप को अधिरसम एवं हिमाचल, उत्तराखंड में इसे अरसा भी कहा जाता है. आज हम गुड़ और खस खस या तिल मिलाकर अनरसा यानी कि अधिरसम बनायेंगे.
चंदिया त्यौहारों के दूसरे दिन बनाई जाती है. शादी विवाह में भी वधू के आने पर चंदिया बनाई जाती है. जब अधिक मीठा और तला हुआ खाने से आपका पेट परेशान हो लेकिन आपका मन कुछ मजेदार खाने को करे तो आप चंदिया बना सकते हैं. चंदिया छिलका वाली उरद की दाल से या धुली उरद की दाल से बनाई जाती है, लेकिन छिलका उरद दाल से बनी चंदिया ज्यादा स्वादिष्ट होती है. आइये चंदिया बनाना शुरू करते हैं.
फरा या पिठ्ठा नमकीन और मीठा दोनों प्रकार का बनाया जाता हैं. मीठा पिठ्ठा (Pitha) एक तरह की मिठाई है, इसे बनाने में चावल का आटा और दूध व मेवे प्रयोग में लाये जाते हैं. मीठा पिठ्ठा बंगाल में मकर संक्राति या काली पूजा के समय बनाकर खाया जाता है, वहां सर्दियों के दिनों में भी गरमा गरम मीठा पिठ्ठा बना कर खूब खाया जाता हैं. नमकीन पिठ्ठा को उत्तर प्रदेश में मैन फरा या फरा (Fara) भी कहा जाता है. नमकीन पिठ्ठा नाश्ते में आप कभी भी बनाकर खा सकते हैं. नमकीन पिठ्ठा खाने में बड़े ही स्वादिष्ट लगते है़. इसे गेहूं के आटे से, सूजी से, चावल के आटे से, गेहू का आटा या सूजी मिक्स करके या फिर तीनों चीजें मिक्स करके बना सकते हैं. नमकीन पिठ्ठा बनाने में तेल या घी बहुत ही कम लगता है. अन्दर भरने के लिये सब्जियां या दाल जो आपको पसन्द है वह ले लीजिये. नमकीन पिठ्ठा भाप में पका कर या पानी में उबाल कर दोनों तरह से बनाया जा सकता है. नमकीन पिठ्ठा भैया दूज के दिन स्पेशल बहिनें अपने भाइयों के खाने के लिये बनाया करती हैं. तो आइये आज हम नमकीन पिठ्ठा बनायें.
थोपा बहुत ही कम तेल से बनने वाला परम्परागत नाश्ता है जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं इसके आसपास के राजस्थान के ग्रामीण अंचलों में खाया और पसंद किया जाता है.
सूजी और सूखे मेवे को मिला कर बनाई हुइ गुजिया स्वाद में तो बेहतर होती ही हैं, इनकी शेल्फ लाइफ अन्य गुजिया के मुकाबले अधिक भी होती है. यदि गुजिया बनाने के लिये मावा उपलब्ध न हो तो फिर सूजी की गुजिया बनाना एक बेहतर विकल्प रह जाता है.
क्या इन सर्दियों में आपने पटोरी के साथ बाजरे की रोटी (Bajre roti) खायीं है? राजस्थान और ब्रज के इलाके में बाजरा की रोटी को उरद की दाल और पटोरी के साथ खाया जाता है और बाजरे की रोटी के मलीदा (Bajra Roti Malida ) तो कहना ही क्या! आईये आज बाजरे की रोटी बनायें.
दालें हमारे रोजाना के खाने का मुख्य अंग है, ये प्रोटीन के बहुत बड़े स्रोत हैं. अरहर की दाल उत्तर भारत में प्रमुखता से खायी जाती है, इसे तुवर की दाल (Tuvar ki dal or Toor ki dal) भी कहते हैं, अरहर की दाल को हम अलग अलग तरीके से बना सकते हैं, हम दाल को पहले से ही बघार देकर बना सकते हैं और दाल बनने के बाद भी बघार बना कर डाला जा सकता है. दाल बनाते समय थोडा सा ध्यान दीजिये कि दाल ज्यादा कुक न हो जाय, दाल के दाने दिखने चाहिये और दल अच्छी तरह से पकी भी होनी चाहिये तब दाल खाने में और अधिक स्वादिष्ट लगती है, तो आईये आज अपने लंच में हम अरहर की दाल (Arhar Dal) बनायें.
पोहे चिवड़ा नमकीन तो अच्छा होता ही है लेकिन खट्टा मीठा मिक्स चिवडा और भी अधिक अच्छा होता है. जो लोग तीखा खाना पसन्द नहीं करते उन्हें भी यह पसन्द आता हैं. छोटे बच्चे तो इस खट्टा मीठा मिक्स चिवड़ा (Khatta Mitha Mix Chivda) बहुत चाव से खाते हैं
लिट्टी चोखा बिहार झारखन्ड में खायी जाने वाली पारम्परिक स्वादिष्ट डिश हैं इसे आप लन्च, डिनर या छुट्टी के दिन बना कर खाइये बहुत ही अच्छी लगेगी, लिट्टी देखने में तो बाटी जैसी लगती है, लेकिन थोड़ा सा अन्तर है. इसके अन्दर भरी जाने वाली पिठ्ठी सत्तू से बनाई जाती है और यह लिट्टी बैगन के चोखा (भुर्ता) या आलू के चोखा के साथ खाई जाती है. मिक्स वेज चोखा और टमाटर की चटनी भी साथ में बनायी जाता है. तो आइये बनाना शुरू करें लिट्टी चोखा (Litti Choka).
मिठाइयों में गुलाब जामुन सबसे ज्यादा पसन्द की जाने वाली मिठाई है. गुलाब जामुन मावा से बनाये जाते हैं, लेकिन बहुत सारी जगह पर मावा नहीं मिलता है, तो गुलाब जामुन को मिल्क पाउडर से बनाया जा सकता है, और मिल्क पाउडर से बने गुलाब जामुन उतने ही सोफ्ट और स्वादिष्ट बनते हैं जितने कि मावा से बने गुलाब जामुन होते हैं.
पेठा का नाम आते ही आगरा याद आ जाता है, जी हां पेठा मुख्य रूप से आगरा में ही बनाया जाता है. पेठा मिठाई (Petha Sweets) बनाने में घी या तेल का प्रयोग बिलकुल भी नहीं किया जाता. पेठा बनाने के लिये पेठे का फल अच्छा पका होना चाहिये, पके फल का कलर हल्का हो जाता है और उसका छिलका सख्त होता है.
अरबी को कई तरह से बनाते हैं लेकिन फ्राइड मखाने को मिलाकर बनाया गया रसेदार अरबी का झोल का कोई जबाव नहीं. ये ब्रजभूमि यानी कि आगरा मथुरा क्षेत्र में तो बहुत ही पसंद किया जाता है.
नमकीन फरा पीठा जहां गेहूं के आटे, सूजी, चावल या इनको मिक्स करके बनाया जाता है और इनके अन्दर सब्जियां या दाल भरी जाती है जबकि मीठा फरा (Sweet Fara - Sweet Pittha) सिर्फ चावल के आटे का बनाया जाता है और इसके अन्दर मावा और ड्राई फ्रूट भरे जाते हैं.
मट्ठे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में त्योहारों पर बनने वाला पारंपरिक पकवान है. ये साइज में परांठे के आकार के होते हैं. एकदम धीमी धीमी आग पर सेकें गये कुरकुरे खस्ता मठ्ठे तीन तरह के स्वाद में तैयार किये जाते हैं, नमकीन मठ्ठे, फीके मठ्ठे और मीठे मठ्ठे. करवा चौथ के अवसर पर भी मट्ठे बनाने की परंपरा है.
तिल के व्यंजन सर्दी के मौसम में बनाकर खाये जाते हैं. तासीर में गर्म तिल और गेहूं के आटे से बने लड्डू बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं. बड़ी आसानी से और बहुत जल्द बन जाते है.
बेसन, आटा या दाल की अपेक्षा पनीर, सब्जी और सूजी से मिलकर तुरन्त बनने वाला सूजी चीला बहुत स्वादिष्ट होता है. हम इसे बच्चों के टिफिन में भी रख सकते हैं.