दुनियां के सबसे बेहतर परांठे आगरा में बनाये जाते हैं. जब आगरा मुगलों की राजधानी बना तो परांठे उनके भोजन का अभिन्न अंग बन गये और उनके मनपसंद तरीके को मुगलाई परांठा पुकारे जाना लगा.
यदि कभी आप आगरा जाये तो बेलनगंज में रामबाबू के परांठे के नाम से कुछ दुकानें हैं. इन दुकानों में इतने बेहतर परांठे खाने मिलेंगे कि इनका स्वाद भूल नहीं पायेंगे.
मुगलाई परांठे की खासियत कि 4-5 लोग टेबिल पर खाना खा रहे हो, तो भी गरमा गरम परांठे तबे से उठा कर उनकी प्लेट तक पहुचाये जा सकते हैं. तो आइये आज शाम खाने में मुगलाई परांठे बनायें.
सामग्री -
विधि -
आटा, सूजी और मैदा छान कर एक बर्तन में निकाल लीजिये. बेकिंग पाउडर और नमक आटे में डाल कर मिला लीजिये. आटे के बीच हाथ से थोड़ी जगह बनाइये, यहां दही और तेल डाल कर अच्छी तरह मिला लीजिये और अब सारी चीजों को अच्छी तरह मिला लीजिये. गुनगुने पानी की सहायता से आटा गूथिये. (आटा गूथने के लिये पानी की मात्रा आटे की मात्रा की आधी मात्रा के बराबर प्रयोग होती है). आटे को अच्छी तरह मसल मसल कर तब तक गूथिये जब तक वह नरम और चिकना न हो जाय. गुथे हुये आटे को आधा घंटे के लिये ढक कर रख दीजिये.
तवा गैस पर रख कर गरम कीजिये. आटे से थोड़ा आटा तोड़िये, गोल करके हथेली से दबाकर लोई बनाइये. लोई को सूखे आटे की सहायता से 7-8 इंच के व्यास में गोल बेल कर, ऊपरी सतह पर चम्मच से घी लगाइये और थोड़ा सा जीरा छिड़क लीजिये. अब इस परांठे को बीच से चाकू रखते हुये, किनारे तक काटिये, और उस कटे हुये किनारे को उठाते हुये गोले में मोड़ते जाइये.(फोटो में दिखाया गया है) अब इसे दबा कर लोई बना लीजिये. इस लोई को फिर से 7-8 इंच के व्यास में बेलिये. परांठे को गरम तवे पर डालिये और दोनों ओर बिना घी लगाये हल्का ब्राउन होने तक सेक लीजिये. सारे परांठे इसी तरह सेक कर रख लीजिये.
अब तवे पर एक टेबल स्पून घी डालिये. एक परांठा उठाइये तवे पर डालिये, परांठे को दोनों ओर पलट कर शेलो फ्राई कीजिये तथा खाने वालों की प्लेट में गरमा गरम परांठा दीजिये, जब भी तवे पर घी आपको कम लगे एक टेबल स्पून घी डाल दीजिये और सारे परांठे इसी तरह शेलो फ्राई कर लीजिये.
आपके मुगलाई परांठे तैयार है. अब गरमा गरम मुगलाई परांठे अपनी मन पसन्द सब्जी, दही और चटनी के साथ परोसिये और खाइये.