मोदक महाराष्ट्र में खाया जाने वाला, गणेश जी का प्रिय व्यंजन है। महाराष्ट्र में, गणेश पूजा के अवसर पर मोदक घर घर में बनाया जाता है। मोदक कई प्रकार से बनाया जाता है जिसमें से केसरी मोदक एक माना जाता है। आप केसरी मोदक दो प्रकार से बना सकती हैं, एक जिसमें नारियल पड़ा होता है और दूसरा जिसमें ये नहीं होता। बच्चों को नारियल वाला मीठा मोदक बहुत प्रिय होता है। तो चलिये देखते हैं इसको बनाने की सरल विधि.
सामग्री -
विधि -
गुड़ और नारियल को कढ़ई में डाल कर गरम करने के लिये रखें. चमचे से चलाते रहें, गुड़ पिघलने लगेगा चमचे से लगातार चला कर भूने, जब तक गुड़ और नारियल का गाढ़ा मिश्रण न बन जाय. इस मिश्रण में काजू, किशमिश, खसखस और इलाइची मिला दें. यह मोदक में भरने के लिये पिठ्ठी तैयार है.
2 कप पानी में 1छोटी चम्मच घी डाल कर गरम करने रखिये. जैसे ही पानी में उबाल आ जाय, गैस बन्द कर दीजिये और चावल का आटा और नमक पानी में डाल कर चमचे से चला कर अच्छी तरह मिला दीजिये और इस मिश्रण को 5 मिनिट के ढक कर रख दीजिये.
अब चावल के आटे को बड़े बर्तन में निकाल कर हाथ से नरम आटा गूथ कर तैयार कर लीजिये. यदि आटा सख्त लग रहा हो तो 1 - 2 टेबल स्पून पानी और डाल सकते हैं, एक प्याली में थोड़ा घी रख लीजिये. घी हाथों में लगाकर आटे को मसलें, जब तक कि आटा नरम न हो जाय. इस आटे को साफ कपड़े से ढक कर रखें.
हाथ को घी से चिकना करें और गूथे हुये चावल के आटे से एक नीबू के बराबर आटा निकाल कर हथेली पर रखें, दूसरे हाथ के अँगूठे और उंगलियों से उसे किनारे पतला करते हुये बढ़ा लीजिये, उंगलियों से थोड़ा गड्डा करें और इसमें 1 छोटी चम्मच पिठ्ठी रखें. अँगूठे और अँगुलियों की सहायता मोड़ डालते हुये ऊपर की तरफ चोटी का आकार देते हुये बन्द कर दीजिये. सारे मोदक इसी तरह तैयार कर लीजिये.
किसी चौड़े बर्तन में 2 छोटे गिलास पानी डाल कर गरम करने रखें. जाली स्टैन्ड लगाकर चलनी में मोदक रख कर भाप में 10 - 12 मिनिट पकने दीजिये. आप देखेंगे कि मोदक स्टीम में पककर काफी चमक दार लग रहे हैं. मोदक तैयार हैं.
मोदक को प्लेट में निकाल कर लगायें, और गरमा गरम परोसिये और खाइये.