यह एक स्पेशल अचार है जो राजस्थान एवं ब्रज मंडल में बनाया जाता है. इस समय में बाजार में कच्चा और पका दोंनों तरह की अमिया उपलब्ध है, आम का अचार बनाने का अच्छा मौका है.
सलोना के लिये जिस तरह का आम चाहिये वह आमों की शुरूआत के समय ही मिल पाता है, छोटा छोटा आम (गुठली कठोर न हो) तेज हवाओं के कारण पेड़ों से नीचे गिर जाता है, उस समय वह छोटा आम बाजार में काफी मात्रा में दिखाई देता है, तो यह तो निश्चित है कि आम का सलौना हम आमों की शुरुआत में ही बना सकते है.
सलोना करीब 12 दिनों में खाने के लिये तैयार हो जाता है. विधि थोड़ी लम्बी अवश्य है, लेकिन बड़ी आसान, और स्वाद तो बहुत ही लाजवाब, तो आज हम आम का सलोना बनायें.
सामग्री -
विधि -
बाजार से आम चुन कर ले आइये. आम को पानी में 10-12 घंटे के लिये डूने रहने दीजिये, साफ पानी से 2 बार धो लीजिये. पानी से निकाल किसी चलनी में रखें और उनका पानी सूखने दीजिये.
सभी आमों को छील कर लीजिये.
किसी बड़े कांच या प्लास्टिक कन्टेनर (जो आकार में इतना बड़ा हो कि हम आमों को अच्छी से हिला सके) में छीले हुये आमों को डालें और इसमें आधा कप नमक और 2 चम्मच हल्दी हल्दी डाल कर मिला दीजिये. कन्टेनर का ढक्कन बन्द करके एक सप्ताह के लिये रख दीजिये, लेकिन रोजाना दिन में 2 बार आमों को हिला कर उपर नीचे अवश्य करना है.
एक सप्ताह बाद आमों को निकाल कर एक थाली में रखकर धूप में सूखने के लिये रख दें और इन आमों में जो खट्टा पानी निकल आया है उसे एक कांच के बर्तन में भरकर ढककर रखलें, वह अचार बनाते समय काम आयेगा.
अगर धूप तेज है तो इन आमों के लिये 1 ही दिन की धूप काफी है और हल्की धूप है तो इन्हैं सूखने में 2 दिन लग जायेगे. रात के समय कमरे में ढककर रखें.
हमारे आम सूख गये है. आम सूखने का मतलब यह नहीं है कि वह एक दम सूखे दिखे, (आम आकार में थोडे सिकुड जाते हैं और कलर थोड़ा सांवला हो जाता है) फोटो में दिखाये गये हैं. सलोना के लिये आम तैयार हो गये हैं
अब हम सलोना के लिये मसाला तैयार करते हैं. सोंफ, मेथीदाना और अजवायन को बीन कर अच्छी तरह साफ करके दरदरा पीस लीजिये. हल्दी, नमक और लाल मिर्च तो पिसे हमारे पास है ही. हींग को छोटे खरल में डाल कर बारीक कूट लीजिये.
कढाई में तेल डाल कर गरम कीजिये, तेल अच्छी तरह गरम हो जाय तब गैस बन्द कर दीजिये. थोड़ी देर बाद, तेल हलका गरम रह जाय. गरम तेल में क्रम से हींग डालिये, इसके बाद हल्दी पाउडर डाल कर चमचे से चला दीजिये और अब बचे हुये सारे मसाले, नमक तेल में डाल कर मिला दीजिये.
अब इस तेल मिले मसाले में आमों से जो खट्टा पानी निकला था, उसे भी मिला दीजिये. (यदि खट्टा पानी की मात्रा आपको अधिक लगे तो आधा ही खट्टा पानी मिलायें)
यह सलोना के लिये मसाला तैयार है. सूखे आमों को कढ़ाई में डालकर इस मसाले में मिला दीजिये और ठंडा होने पर कांच या प्लास्टिक के कन्टेनर में भरकर रख दीजिये. 2 दिन में सारे मसाले उस खट्टे पानी और तेल में फूल कर बह्त ही अच्छा स्वाद बना देते हैं.
लीजिये आम का सलोना अचार तैयार है. आप अचार अभी भी खा सकते है वैसे आम का अचार बनाते समय मन कहां मानता है, उसे हम चखे बिना तो रह ही नहीं सकते.
ये सलोना अचार काफी दिनों रख कर एसे ही खाया जा सकता है. सलोना अचार साल भर तक खाने के लिये तैयार है
दो महीने बाद इस अचार के अन्दर की गुठली भी खाने में बड़ी स्वादिष्ट लगती है. सलोना की गुठली पेट के दर्द की दवा के रूप में भी परम्परागत रूप से प्रयोग की जाती है.
सुझाव :-