बाजरे की रोटी के साथ मक्का की महेरी, राजस्थान और आगरा मथुरा क्षेत्र के परम्परागत खानपान में से एक शायद अब उतने प्रचलित नहीं हैं लेकिन बचपन में यदि आपने ये खाये हैं तो इनका न भूलने वाला स्वाद आपको अवश्य याद होगा. छाछ और मक्के के आटे से बनी मक्का की महेरी सर्दियों में बनाई जाती है. इसे मक्का की राबड़ी भी कहते हैं.
सामग्री -
विधि -
मक्के के आटे को एक बर्तन में डाल दीजिए और इसमें मठ्ठा डाल कर इसे अच्छी तरह मिलाते हुए, गुठलियां खत्म होने तक घोल बना कर तैयार कर लीजिए.
घोल को पकने के लिये गैस पर रख दीजिये., महेरी को तेज आंच पर लगातार चलाते हुए पकाइये, इसमें उबाल आने पर गैस को धीमा कर दीजिए. धीमी और मीडियम आंच पर तब तक पकाएं जब तक की ये थोडी़ गाढी़ न हो जाए, और हर 2 मिनिट में महेरी को चलाते रहें.
महेरी को पकने में लगभग 25 - 30 मिनिट के करीब समय लग जाता है. महेरी के गाढा़ होने पर इसमें नमक डाल कर मिक्स कीजिए और गैस बंद कर दीजिए. महेरी को प्याले में निकाल लीजिए.
अब इसमें तड़का लगाएं, इसके लिए पैन में तेल डालकर गर्म कीजिए, तेल गरम होने पर इसमें जीरा और हींग डाल कर थोडा़ सा भून लें और तड़के को महेरी के ऊपर डालकर मिक्स कर दीजिए. ऊपर से हरा धनिया डाल कर सजाइये.
महेरी तैयार है. गरमा गरम महेरी को ऎसे ही खाया जा सकता है या फिर हरे धनिये की चटनी, मिर्च के अचार, दही या मठ्ठा के भी साथ भी परोस सकते हैं.
सुझाव :-
3-4 सदस्यों के लिये
समय 35 मिनिट