केरला परांठा उत्तर भारत के लच्छा परांठा जैसा ही है. अन्तर यह है कि यह मैदा से बनता है और इसे बहुत अधिक गूंथ गूंथ कर एकदम मुलायम बना लिया जाता है. पारंपरिक केरला परांठे को आधा घंटे भर तक गूंथते रहते हैं और इसकी परते एकदम पेस्ट्री जैसी क्रिस्पी होती है.
केरला परांठा की बाहरी परत एकदम खस्ता और क्रंची होती है जबकि अन्दर की परतें मुलायम होती है.
सामग्री -
विधि -
मैदा को छान कर किसी बर्तन में निकालिये, नमक, अजवायन और 2 छोटी चम्मच घी मैदा में डालकर मिलाइये. पानी की सहायता से नरम आटा गूथिये, आटे को 4 - 5 मिनट मसल मसल कर अच्छी तरह चिकना होने तक गूंथिये.
गुंथे आटे को 15-20 मिनिट के लिये ढककर रख दीजिये ताकि आटा फूल कर सैट हो जाय.
20 मिनिट बाद आटे से 3 लोइयां बना लीजिये, एक लोई उठाइये और गोल करके चपटा कीजिये, सूखे मैदा की सहायता से एकदम पतला बेलिये, बेले गये परांठे के ऊपर एक चम्मच घी डालिये और घी को चारों ओर फैला दीजिये. परांठे को दिखाये गये तरीके से फोल्ड कर लीजिये. फोल्ड किये परांठे को रोल करके गोल लोई तैयार कर लीजिये.
लोई से 7-8 इंच के व्यास परांठा बेलिये, बेले गये परांठे को गरम तवे पर डालिये और दोनो ओर घी लगाकर अच्छे ब्राउन होने तक सेकिये. परांठे को उतार कर प्लेट पर नेपकिन पेपर बिछा कर या किसी प्याली के ऊपर रखिये. सारे परांठे इसी तरह से तैयार कर लीजिये.
केरला परांठे को तवे से उतार कर थाली में रखते समय दोनों हाथो से हल्का सा दबाव दीजिये, ताकि परांठे की परंते खिली खिली दिखाई दे.
कुरकुरे केरला लच्छा परांठे चटनी अचार और अपने मनपसन्द सब्जी के साथ परोसिये और खाइये.