बृज क्षेत्र यानी आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद आदि इलाके में बनाई जाने वाली फ्राइड बाटी राजस्थानी बाटी से साइज में थोड़ी छोटी और स्वाद में एकदम अलग होती हैं. फ्राइड बाटी को स्टार्टर के रूप में मुख्य खाने में परोसा जा सकता है.
सामग्री -
विधि -
किसी प्याले में आटा और सूजी मिक्स कर लीजिये, अजवायन, बेकिंग सोडा, नमक और घी डालकर अच्छी तरह मिला लीजिये और थोड़ा थोड़ा पानी डाल कर नरम आटा गूंथ कर तैयार कीजिये. गुथे आटे को ढककर 20 मिनिट के लिये रख दीजिये ताकि आटा फूल कर सैट हो जाय.
आटा सैट हो जाने के बाद इसे हाथ पर थोडा़ सा घी लगाकर आटे को मसल कर चिकना कर लीजिये. बाटी बनाने के लिये आटा तैयार है. आटे को पांच भाग में तोड़ लीजिये, और बड़े गोले बना लीजिए.
किसी बर्तन में 1 लीटर पानी उबालने के लिए रख दीजिए. पानी में उबाल आने पर इसमें गोले डाल दीजिए और तेज गैस पर गोलों को 15 मिनिट के लिए उबलने दीजिए. 15 मिनिट बाद गोले चैक कीजिए इसमें चाकू गढ़ा कर देखा जा सकता है, चाकू से बैटर नहीं चिपकता है तो गोले पककर तैयार हैं, गैस बंद कर दीजिए और गोलों को प्याले में निकाल लीजिए.
गोलों को चाकू से छोटा-छोटा काट लीजिए और ठंडा होने दीजिए. गोलों के ठंडा होने के बाद इसे मसल-मसल कर जितने पानी की आवश्यकता हो उतना पानी (गोले के उबालने से बचा हुआ पानी) डालते हुए गुठलियां खत्म होने तक अच्छे से मैश करते हुये नरम आटा गूंथकर तैयार कर लीजिए.
इस गुथे आटे से छोटी-छोटी लोइयां तोड़कर तैयार कीजिये, अब एक लोई हाथ में उठाकर गोल कीजिए और हल्का सा चपटा करते हुए अंगूठे से बीच में दबा दीजिए. इसी तरह एक-एक करके सारी लोइयों से बाटी बना लीजिए.
कढा़ई में तेल डालकर गरम कीजिए. जितनी बाटी एक बार में कढा़ई में आ जाएं उतनी डाल दीजिए. बाटी को अच्छे से गोल्डन ब्राउन होने तक तल लीजिए. बाटी तलकर तैयार हो जाने पर, इन्हें टिशु पेपर बिछी प्लेट में निकाल लीजिए और सारी बाटियां इसी तरह से तल कर तैयार कर लीजिए.
एक बार की बाटी तलकर तैयार होने में लगभग 6 से 7 मिनट तक का समय लग जाता है. सारी बाटियां इसी तरह तलकर तैयार कर लीजिए.
फ्राईड बाटी बनकर तैयार है, बाटी को आप स्टार्टर के रूप में हरे धनिए की चटनी, मीठी चटनी टमेटो सॉस के साथ परोस सकते हैं और मेन कोर्स में इसे पंचरतन दाल के साथ परोसिये.
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