फरसी पूरी (Farsi Puri) यानी गुजराती तरीके से बनी मठरी. खाने में एकदम कुरकुरी, सुबह या शाम चाय के साथ नाश्ते में सभी को बहुत पसंद आयेगी, बनाकर देखिये..
मैदा को किसी बर्तन में नमक मिला कर छान लीजिये. मैदा के बीच में थोड़ी जगह बनाइये. जीरा, अजवायन और कुटी काली मिर्च डालिये, अब इसी जगह मोयन भी डाल दीजिये (मोयन यदि घी का डाल रहे हैं तब घी को पिघला कर डालिये, ज्यादा गरम मत कीजिये.
गुनगुने पानी की सहायता से सख्त आटा गूथिये (लगभग आधा छोटा गिलास या 150 ग्राम पानी गुनगुना कीजिये, आधा पानी एक बार में डाल दीजिये, अब थोड़ा पानी डाल कर आटा गूथिये). गुथे आटे को आधा घंटे के लिए ढककर रख दीजिये.
गुथे आटे को चार भागों में बांट लीजिये और गोल गोल लोई बनाकर तैयार कर लीजिये. एक लोई को चकले पर रखिये, 11 - 12 इंच के व्यास में गोल थोड़ा मोटी पूरी बेल लीजिये, बेली हुई पूर के ऊपर छोटी चम्मच से तेल डालिये और चारों ओर चुपड़ दीजिये.
पूरी को एक सिरे से उठाइये और रोल करते हुये मोड़िये, पूड़ी को मोड़्ते हुये पूरी तरह रोल बना दीजिये. इस रोल को चाकू की सहायता से आधा इंच के टुकड़े में काट लीजिये. एक एक टुकड़े को उठाइये और हथेली से दबा कर चपटा करके अलग प्लेट में रख लीजिये. बची हुई तीनों लोइयों से इसी तरह रोल बनाकर, काट कर, दबा कर प्लेट में रख लीजिये.
अब एक एक करके इन सारे गोले को बेलन से बेलिये (लेकिन मठरी जैसा थोड़ा मोटा रखिये) .
कढ़ाई में तेल डाल कर गरम कीजिये, गरम तेल में 5-6 या जितनी फरसी पूरी (Farsi Puri) तली जा सके डालिये, फरसी पूरी (Farsi Puri) को पलट पलट कर ब्राउन होने तक तल कर निकाल लीजिये, तली हुई फरसी पूरी (Farsi Puri) किसी प्लेट या डलिया में रखिये. सारी फरसी पूरी (Farsi Poori) इसी तरह तल कर निकाल लीजिये.
फरसी पूरी (Farsi Puri) यानी गुजराती मठरी तैयार हैं, फरसी पूरी (Farsi Puri) को ठंडा होने के बाद एअर टाइट कन्टेनर में भर कर रख लीजिये और 2 महिने से भी अधिक जब भी आपका मन करे, कन्टेनर से फरसी पूरी (Farsi Puri) निकालिये और गरमा गरम के चाय के साथ खाइये.