आंवले का फल बहुत गुणकारी होता है, इसमें आयरन और विटामिन C प्रचुर मात्रा में पाया जाते है. आंवले का मुरब्बा बहुत ही स्वादिष्ट होता है. आंवला सर्दी के मौसम में ही बाजार में मिलता है और इसी मौसम में हम इससे अचार या मुरब्बा बना कर रख सकते हैं. आंवले का मुरब्बा यदि गरमी में रोजाना खायें तो यह बहुत तरावट देने वाला और दिमाग को ताकत देने वाला होता है.
मुरब्बे के लिये आवले अच्छी तरह से पके हों और उनमें कोई दाग वगैरह न हो.
सामग्री -
विधि -
मुरब्बा के लिये आंवले पके हुये, अच्छे फल लेने चाहिये. आंवलों को पानी 2 दिन के लिये भिगो दीजिये, आंवले पानी से निकालिये और इन्हैं कांटे से गोद लीजिये. गोदे हुये आंवले फिटकरी के पानी में डालकर 2 दिन तक भीगने दीजिये, आंवलों को फिटकरी के पानी से निकाल कर अच्छी तरह 2 बार धो लीजिये.
एक भगोने में एक लीटर पानी लेकर गरम कीजिये. पानी में उबाल आने पर गोदे हुये आंवले पानी में डालिये फिर से उबाल आने दीजिये, 2 मिनिट बाद गैस बन्द कर दीजिये, आंवलों को 10 मिनिट के लिये ढककर रख दीजिये.
आंवलों को पानी से निकाल कर चलनी में रखकर पानी निकल जाने दीजिये.
किसी स्टील के बर्तन में चीनी और 1/2 लीटर पानी डालकर चाशनी बनाइये. आंवलों को चाशनी में डालकर पकाइये, जब आंवले अच्छी तरह गल जांय, और चाशनी शहद की तरह गाढ़ी हो जाय, मुरब्बा को ठंडा होने दीजिये और 1-2 दिन बाद चैक कीजिये कि चाशनी पतली तो नहीं हो गई है, अगर चाशनी पतली लग रही है तब मुरब्बा को फिर से चाशनी गाढ़ी होने तक पका लीजिये और अब ठंडा होने पर इसमें, इलाइची, काली मिर्च, काला नमक और केसर डाल कर मिला दीजिये.
आंवले का मुरब्बा दूसरी तरीके से इस तरह बनाइये :-
उबाले हुये आंवले को किसी बड़े बर्तन में डालकर चीनी ऊपर से डालकर भर कर ढक रख दीजिये. 4-5 घंटे बाद आंवले का जूस निकल कर चीनी को घोलकर चाशनी बनाने लगता है, और अब हम उसी चाशनी में आंवले को पका कर मुरब्बा बना लें.
आंवले का मुरब्बा तैयार है, आंवले का मुरब्बा यदि अच्छी तरह पक गया है तब यह मुरब्बा 2 साल तक भी खराब होने वाला नहीं है, कांच के सूखे कन्टेनर में ये मुरब्बा भरकर रख लीजिये और जब भी आपका मन हो कन्टेनर से मुरब्बा निकालिये और खाइये.
सावधानी :-