आलू का परांठे पंजाब और उत्तर भारत का खाना है . ठंड के दिनों में आलू के पराँठे का नाश्ता चटनी और मक्खन के साथ सबसे अच्छा माना जाता है. शाम के खाने में आलू के परांठे हरे धनिये की चटनी और रायते के साथ बहुत अच्छे लगते हैं.
सामग्री -
आटा लगाने के लिये :-
स्टफिंग के लिये :-
विधि -
सबसे पहले आलुओं को उबालते हैं, कुकर में आलू और एक गिलास पानी डालकर गैस पर रखिये और एक सीटी आने के बाद 1-2 मिनिट धीमी आग पर आलू उबलने दीजिये, गैस बन्द कीजिये और कुकर का प्रेशर खतम होने के बाद कुकर से आलू निकाल लेंगे.
आटे में 2 छोटी चम्मच घी या तेल डालिये और नमक एक चौथाई छोटी चम्मच डालकर मिला लीजिये. पानी की सहायता से नरम आटा गूथिये. गुथे आटे को सैट होने के लिये 15-20 मिनिट के लिये ढककर रख दीजिये.
उबाले हुये आलुओं को ठंडा करके छीलिये और उन्हैं बारीक तोड़ लीजिये. इसमें नमक,लाल मिर्च, गरम मसाला, अमचूर पाउडर, धनियाँ पाउडर, हरी मिर्च, अदरक और हरा धनियाँ डाल लीजिये. मसाले को अच्छी तरह आलुओं में मिला लीजिये. यह आलू की पिठ्ठी पराँठे में भरने के लिये तैयार हैं. इस पिठ्ठी को 12 बराबर भागों में बाँट लीजिये,
आटे के बराबर के 12 गोले बना लीजिये. प्रत्येक गोले को बेलन की सहायता से बेलिये, बेले गये परांठे के ऊपर थोड़ा सा तेल डाल कर लगाइये और उसमें एक भाग आलू रक दीजिये, परांठे को चारों ओर से उठाकर बन्द कर दीजिये. उंगलियों से दबाकर चपटा कर लीजिये. उसे बेलन की सहायता से हल्का दबाव देते हुये 8 -9 इंच के व्यास में बेल लीजिये. गैस पर तवा रखिये, तवा गरम होने पर, तवे पर थोड़ा सा तेल लगाइये और अब बेला हुआ पराँठा गरम तवे पर डालिये, परांठा नीचे से सिकने पर पलटिये, दूसरी तरफ से सिकने पर ऊपर की ओर तेल लगाइये और परांठे को पलट कर दूसरी ओर भी तेल लगाइये. चमचे या कलछी से चारों ओर हल्का दबाव देते हुये परांठे को दोनों तरफ खस्ता, ब्राउन चित्ती आने तक सेकिये. इसी तरह से सारे पराँठे सेक लीजिये. पराँठे तैयार हैं.
ये पराँठे आप मक्खन, हरे धनिये की चटनी, मटर के झोल या दही के साथ परोसिये और खाइये.
चार - पांच सदस्यों के लिये
समय - 40 मिनिट